आज हम 10 lines short stories with moral in hindi मे आपके लिए एक बेहतरीन कहानी पेश करने जा रहे है। यह कहानी शान्ति और बलवीर की है बलवीर अपने गरीब परिवार का पालन पोषण करने के लिए सात समुन्दर पार परदेश चला गया उसके घर मे उसकी पत्नि शान्ति उसका बरसो से उसका इन्तजार कर रही थी। हमे आशा है कि आपको यह कहानी बेहद पसन्द आयेगी।
Stories with Moral in Hindi
सोना लेने पिया गये:- एक बार आन्नदपुर नाम के एक गाँव मे एक
दम्पति थी। जिसमे शान्ति और उसके पति बलवीर रहते थे। उसके छोटे छोटे दो बच्चे भी
थे जो महज दो और चार वर्ष के थे। परिवारिक जीवन मे कदम कदम पर धन की आवश्यकता पड़ती
है
धन
से ही उन्हे समान मिलता है तथा धन से ही परिवार का पालन पोषण होता है। मगर गाँव मे
इतनी आमदनी नही थी। गाँव मे धन कमाना सँभव नही था। बलवीर धन कमाने के लिए सात
समुन्द्र पार विदेश चला गया। उसने पत्नि से वादा किया कि वह खुब सारा धन कमा कर
लौटेगा।
कुछ
समय तो उसे काम नही मिला बाद मे जब काम भी मिला तो वह कोई खास नही था। वह पढ़ा लिखा
कम था विदेश मे पढ़े लिखे की कीमत होती है। जो भी कमाता उसमे काफी रूपये तो उसके
रहने खाने मे ही लग जाते थे।
वर्षो
तक वहाँ रहा उसे उम्मीद थी कि शायद उसे अच्छी आमदनी वाला काम वह बहुत मिल जायेगा
और अच्छे रूपये कमा कर वापस कुछ वर्षो मे अपने घर अपनी पत्नि और बच्चो के पास लौट
जायेगा। मगर बहुत समय रहने पर भी उसकी उम्मीद पूरी नही हुई।
अब
उसे अपनी उम्मीद टूटती हुई नजर आ रही थी और वह अपनी उम्मीद पर खरा नही उतरा तथा
जितना धन उसने कमाया था वह बहुत कम था उतना तो वह अपने शहर मे भी कमा लेता और अपने
परिवार मे अपनी पत्नि और बच्चों के साथ भी रहता।
अपने
बच्चो को खेलते हुए देखता उन्हे स्कूल जाते हुए और बड़ा होते हुए देखता मगर अब तो
उसके बच्चे भी बडे हो गये थे शायद उन्हे तो पिता का चेहरा भी याद नही था। सिर्फ
पिता को बातो मे ही सुनते थे और तस्वीरों मे ही देखते थे।
इतने
कम धन कमाने के लिए उसने जीवन के कई वर्ष खो दिये अब अपने घर अपनी पत्नि के पास
क्या लेकर जाता। इसीलिए वह घर लौट कर ही नही गया उसकी पत्नि उसका बरसों से इन्तजार
कर रही थी। उसके काले बाल सफेद हो गये।
वह
दिन रात पति विरह मे दुबली होने लगी थी। एक दिन उसकी किसी सहेली ने उससे इस
दुर्बलता और दुखी रहने का कारण पूछा तो उसने उत्तर दिया।
सोना
लेने पिया गये, सूना कर गये देश।
सोना
मिला न पिया, रूपा कर गये केश।।
सीख:- इन्सान को धन कमाने
के लिए कितना कुछ कुर्बान करना पडता है। वह जीवन के अनमोल पल भी धन कमाने मे गँवा
देता है मगर दुःख तो तब होता है जब सब कुछ खोने के बाद भी वह अपनी उम्मीदों पर खरा
ना उतर सके।
चालाक की चालाकी:- एक बार एक बेहद ही
चालाक व्यक्ति था उसकी चालाकी दूर दूर तक मशहूर थी। वह अपनी बातों व तर्क से किसी
को भी अपने पक्ष मे कर लेता था।
एक दिन वह किसी कार्य से नगर गया था वापसी के समय मौसम काफी
खराब हो गया था। खराब मौसम की वजह से वह रास्ता भटक गया। काफी समय बाद उसे रास्ता
तो मिल गया मगर उसे बहुत भूख लगी थी। वह अभी भी सूनसान जगह पर ही था।
आस पास मे कोई भी घर नही था वह दरखत की ठण्डी छाँव मे बैठ
गया। उसके शरीर मे भूख के कारण थकान हो गयी थी। वह भगवान से प्रार्थना करने लगा कि
हे ईश्वर मुझे बहुत भूख लगी है आप मुझ पर दया किजिए। किसी भी तरह खाने की व्यवस्था
किजिए नही तो मेरे प्राण निकल जायेंगे
बार बार ईश्वर से एक ही प्रार्थना करने लगा कि आप मेरे भोजन
का प्रबन्ध नही कर सकते तो कम से कम इस दरखत से खजूर ही खाने को दे दो। खजूर बहुत
ऊपर हे, जिसे तोडने मे मै असमर्थ हूँ। आप मुझे सिर्फ पच्चास या सौ खजूर दे दो मै उसका
आधा आपकी सेवा मे अर्पित कर दूँगा।
बहुत देर तक प्रार्थना करने के बाद अचानक से खजूर के पेड से स्वयं ही नीचे गिरने लगे। उसने ऊपर की ओर देखा तो पता चला कि खजूर के पेड से सभी खजूर नीचे गिर गये है। उसने गिनती की खजूर पूरे पच्चास थे उसने एक एक करके सभी खजूर खा लिए और अपना पेट भर लिया।
बाद मे ईश्वर से बोला- हे प्रभू आप तो बेहद हाशियार हो आपने अपने हिस्से के फल पहले ही अपने पास रख लिये। मुझे पता है आप हिसाब किताब के बडे ही पक्के हो। इतना कहकर प्रभू का धन्यवाद किया और वहाँ से चल दिया।
सीखः-चालाक
व्यक्ति कई बार अपने तर्क से ईश्वर से भी अपनी बात मनवा लेता है।
आज इस पोस्ट में हमने 10 lines short stories with moral in hindi में कहानी पढ़ी।आपको हमारी कहानी कैसी लगी ये हमें कमेन्ट में जरुर बताये।share और follow करना ना भूले ताकि लेखक की कलम को बढ़ावा मिल सके। ऐसी मजेदार कहानियाँ पढने के लिए www.motivationdad.com से जुड़े रहे।
कहानी को पूरा पढने
के लिए बहुत बहुत धन्यवाद !!!!
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