आज की यह कहानी जीवन मे मनोबल की श्रेष्ठता और उसके महत्व की है जिसका हमारे जीवन मे अत्यन्त महत्व है। सर्वश्रेष्ठ हिंदी कहानियां अच्छी अच्छी मे हमने एक हाथी के जीवन की कहानी बताई हमे पूरी उम्मीद है कि आपको इस कहानी से अच्छी प्रेरणा मिलेगी।
मनोबल की श्रेष्ठता । सर्वश्रेष्ठ हिंदी कहानियां अच्छी अच्छी।
मनोबल
की श्रेष्ठता:- बहुत ही पुराने
समय की बात है एक देवगढ़ नाम का राज्य था जहाँ के राजा का सम्राज्य काफी फला फूला
था प्रजा भी राजा के राज्य मे खुशी खुशी रहती थी। राजा के पास एक हाथी था जो बहुत
ही बहादुर होने के कारण राजा को अत्यन्त प्रिय था अनेक युद्धो मे वीरता दिखाकर
उसने राजा को विजयी बनाया था। जिसे राजा ने गजराज नाम दिया था।
समय अनुसार गजराज
की उम्र हो गयी थी। अब उसका सारा शरीर शिथिल पड़ गया था जिससे वह युद्ध मे जाने के
लायक नही रहा। मन ही मन यह बात गजराज को खाये जा रही थी की अब वह राजा की सेवा नही
कर पायेगा। उसका मनोबल गिरता जा रहा था।
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वह एक दिन
प्रातःकाल राज्य मे भ्रमण के लिए निकला हुआ था वह एक तालाब के पास पहुँचा और मजे
से पानी पीने लगा। पानी पीते पीते वह तालाब के अन्दर चला गया उसे पता ही नही चला
कि तालाब मे बहुत सारी कीचड भी थी जिसमे उसका आधा शरीर फँस गया। उसने अपने शिथिल
शरीर को कीचड के दलदल से निकालने का बहुत प्रयास किया।
वह जब भी दलदल से
बाहर निकलने का प्रयास करता उसे मन ही मन यह अहसास होता कि वह अब बूढा हो गया है
शायद इसलिए उसके शरीर मे इतनी भी ताकत नही है कि वह इस थोडे बहुत दलदल का सामना कर
सके और बार बार प्रयास करके जब जीत उसके हाथ लगने ही वाली होती तो उससे पहले ही वह
अपने कदम पीछे खिसका लेता।
जब वह कीचड के
दलदल से निकलने मे असमर्थ महसूस करने लगा तो वह जोर-जोर से चिंघाडने लगा। उसकी
चिंघाड सुनकर सारे महावत दौडे दौडे उसके पास आये। उसकी दयनीय स्थिति को देखकर वे
सोच मे पड गये कि इतने विशाल हाथी को तालाब के कीचड से कैसे निकाला जाये।
आखिर मे सभी
महावतों ने बडे बडे भाले भौंके ताकि जिसकी चुभन से वह अपनी शक्ति को एकजुट करके
बाहर निकल जाये मगर उनकी यह कोशिश असफल रही। भालों की चुभन ने उसके शरीर को और भी
ज्यादा पीडा पहुँचाइ। जिससे उसका शरीर और कमजोर हो गया वह जोर जोर से चिंघाड रहा
था उसकी आँखों मे आँसू बहने लगे।
जब यह समाचार राजा
के कानों तक पहुँचा तो वह शीघ्र ही अपने प्रिय गजराज की सहायता के लिए दौडे। अपने
प्रिय गजराज को ऐसी हालत मे देख राजा के आँखों से आँसू बहने लगे। राजा ने तुरन्त
बूढे महावत को बुलाने का आदेश दिया और कुछ ही देर मे बूढा महावत भी राजा के समक्ष
हाजिर हो गया। राजा ने उसे गजराज को बाहर निकालने की सलाह माँगी।
काफी सोच विचारने
के बाद बूढे महावत ने राजा से कहा कि राजन् इस गजराज को बाहर निकालने का एक ही
तरीका है आप युद्ध के नगाडे बजाओ और
सैनिकों की कतार इसके सामने खडी कर दो।
राजा ने अपने
सैनिकों को तुरन्त आदेश दिया कि युद्ध के नगाडे बजाये जाए और सैनिकों को
अस्त्र-शस्त्र के साथ सुसज्जित किया जाए। कुछ ही देर मे सभी तैयारियाँ हो गयी।
जैसे ही नगाड़ा बजाया गया और सैनिकों की लम्बी कतार अस्त्र-शस्त्र के साथ आयी तो गजराज समझ गया कि युद्ध
की घोषणा हो गयी है नगाडे की आवाज सुनते ही गजराज के शरीर मे एकदम से स्फुरणा हुई
और वह एक ही छलांग मे बाहर आ गया। नगाडे की आवाज ने उसे भूला दिया कि मै बूढ़ा हो
गया हूँ कमजोर हूँ और कीचड़ के दलदल मे फंसा हूँ।
नगाडे की आवाज ने
उसके सोये हुए मनोबल को जगा दिया। उसके मन मे बस एक ही विचार आया कि युद्ध के
नगाडे बज चुके है और उसे युद्ध मे जाना है क्योंकि जो गजराज आज तक युद्ध मे नही
रूका तो अब तो रूकने का सवाल ही नही था बस इतना सोचते ही उसके शरीर ने एक सोयी हुई
शक्ति का संचार किया और वह तुरन्त बाहर आ गया।
शिक्षाः- जीवन में मनोबल ही श्रेष्ठ है।
जिसका मनोबल जागृत हो गया उसको दुनियां की कोई भी शक्ति रोक नही सकती। जो मन से ही
कमजोर है वह किसी भी क्षेत्र मे सफल नही हो सकता।
आज इस पोस्ट में हमने सर्वश्रेष्ठ हिंदी कहानियां अच्छी अच्छी में एक मनोबल की श्रेष्ठता नामक
कहानी पढ़ी। आपको हमारी कहानी
कैसी लगी ये हमें कमेन्ट में जरुर बताये। share और follow करना ना भूले ताकि लेखक की कलम को बढ़ावा
मिल सके। ऐसी मजेदार कहानियाँ पढने के लिए
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कहानी को पूरा पढने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद !!!!
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