motivation story in hindi, महात्मा का उपकार

 

नमस्कार दोस्तोः- आप सभी का motivational story मे स्वागत है हम हमेशा एक बेहतरीन मोटिवेशनल स्टोरी आप के समक्ष पेश करते है ताकि आपको हमारी मोटिवेशन स्टोरी से प्रेरणा मिल सके। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आपको हमारी स्टोरी काफी पसन्द आयेगी और उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी आपके जीवन मे लाभदायक सिद्ध होगी।

   motivation story in hindi महात्मा का उपकार  

         बहुत पुराने समय की बात है। एक महात्मा जी थे वह एक जंगल से निकल रहे थे। मार्ग मे उसको प्यास लगी। वह आगे चलते रहे और उसे एक कुआं दिखाई दिया। वह कुआं बहुत पुराना था। ऊपर चढ़ने मे बडी सावधानी रखने की जरूरत था। यदि पत्थर खिसक जाए तो चढ़ने वाला सीधा कुएं मे गिर सकता था। महात्मा बहुत ही सँभलकर ऊपर चढ़े और कुएं के भीतर देखा। कुएं मे पानी तो बिलकुल भी नही था,परन्तु अंदर एक शेरएक साँपएक बन्दर और एक मनुष्य चार प्राणी थे। महात्मा जी सोच में पड़ गया। उसका धर्म उन्हे बचाने को कह रहा था दूसरी ओर शेर या साँप ने काट लिया तो उसकी जान भी जा सकती है। भीतर के सभी प्राणियों ने भी महात्मा जी को देखा उनके अन्दर वहाँ से निकलने की एक उम्मीद जगी। उन सभी ने महात्मा जी को विश्वास दिलाया कि वे उसका कोई नुकसान नही करेंगे बल्कि उसका उन पर उपकार रहेगा।

               महात्मा जी ने जंगल की बेलों का रस्सा बनाया। सबसे पहले मनुष्य को बाहर निकाला। वह मनुष्य सुनार था। सुनार की मदद लेकर महात्मा जी ने बारी बारी से सबको बाहर निकाला। वहाँ से जाने से पहले सबने वचन दिया कि जरूरत पडने पर वह उनकी मदद जरूर करेंगे। इस घटना को बीते कई दिन हो गए। एक दिन की बात है। महात्मा जी जंगल में से गुजर रहा था। मार्ग मे अचानक वह बंदर मिला। वह महात्मा जी को अपने घर ले गया। वह बंदरों का मुखिया था। उसने महात्मा जी को खाने को पके हुए मीठे फल दिये। महात्मा जी संतुष्ट होकर लौटने लगे तो कुछ फल उसके झोले में भी डाल दिये। बंदर ने यह भी कहा कि जरूरत पडने पर कभी भी उसे याद करेगा तो वह उसकी मदद के लिए जरूर आयेंगें।

Read more also:-

       महात्मा जी आगे बढे तो मार्ग में वह शेर भी मिल गया। शेर महात्मा जी को अपनी गुफा में ले गया और उसने एक मोती की माला उन्हे उपहार स्वरुप में दी। शेर ने महात्मा जी को विश्वास दिलाया कि किसी यात्री की हत्या करके इसे प्राप्त नही किया। एक कौआ इसे लेकर उड़ रहा था उसकी चोंच से यह गिर गई थी। यह माला शेर के लिए कोई काम की नहीं है। उनके शायद कुछ काम आ जाए। महात्मा जी माला को लेकर नगर में गये। उसको वह सुनार याद आया। उसकी दुकान की तलाश करता हुआ वह वहाँ पहुँचा। सुनार ने उसे पहले पहचानने से इन्कार कर दिया क्योंकि उसे डर था कि शायद वह उससे कुछ माँगने आया होंगे। जब उसने वह मोती की माला देखीतब उसने उनकी की खुशामद शुरू की।

FAQ

Q:-Motivation का मतलब क्या है

Ans:- Motivation अंग्रेजी का शब्द है जिसे हिंदी में प्रेरणा कहते है हर इंसान को जीवन में प्रेरणा की जरूरत पड़ती है जैसे मुझे कहानियां पढ़ने का सोक है हर कहानी से मुझे कुछ ना कुछ प्रेरणा मिलती है और यह मेरे जीवन को बेहतरीन बनाने में लाभदायक सिद्ध होती है मेरे एक मित्र को मैने ब्लॉगिंग करते हुए देखे तो मैं उससे काफी प्रेरित हुआ अर्थात मैंने उससे ब्लॉग बनाने की प्रेरणा ली और मैंने भी ब्लॉगिंग स्टार्ट कर दिया यही प्रेरणा यानी  मोटिवेशन कहलाती है !

       सुनार ने देखा कि यह माला राजा की खोई हुई माला थी जिसे उसी ने बनाया था। उसने चुपके से राजा का खबर कर दी। राजा ने महात्मा जी को पकड़ लिया और बन्दीखाने में डाल दिया। महात्मा जी ने राजा से कहा कि यह माला एक शेर ने मुझे दी थीपरन्तु राजा ने उसकी बात को नही माना। बंदीखाने में महात्मा जी ने साँप को तीन ताली बजाकर बुलाया और सारी घटना कही। साँप ने कहा तुम चिन्ता मत करों। इसका इलाज है मेरे पास। मैं रात को रानी को काटूँगा। यह पत्थर जहर को सोख लेता है। तुम इस पत्थर से रानी का जहर सोख कर उसका इलाज कर देना। राजा तुम पर प्रसन्न होंगेतब तुम उनको सारी बात बता देना। यह कहकर रानी को काटने चला गया। रात को उसने रानी को काटा। सुबह महात्मा जी ने सिपाहियों से कहा कि रानी का जहर वह उतार सकता है।

            सिपाही महात्मा जी को राजा के पास ले गये। महात्मा जी ने कहा- महाराजमै रानी का जहर उतारूंगा। पत्थर लगाकर उन्होने साँप का जहर उतार दिया। राजा  महात्मा जी पर प्रसन्न हो गया। महात्मा जी ने सारी घटना सुनाई और कहा जैसे उस शेर ने मुझे माला दी थीवैसे ही साँप ने यह पत्थर दिया था। अब महात्मा जी की बात राजा मान गए और उन्हें मुक्त कर दिया तथा सुनार की सारी संपत्ति जब्त कर उसे बन्दीखाने में भेज दिया। जो जैसा काम करता हैउसे वैसा ही फल मिलता है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ