कहानियों की दुनियाँ मे अक्सर अकबर और बीरबल की कहानी का
जिक्र होता है Baccho ki manpasand kahani में ऐसी ही एक मजेदार कहानी आपके समक्ष
पेश करने जा रहे है शायद जो आप सभी को बेहद पसंद आएगी।
बच्चो की मनपसंद कहानी । Baccho ki manpasand kahani
अकबर-बीरबल और आम का मौसम:- एक समय की बात है जब बादशाह ने
बीरबल की चतुराई से खुश होकर उसे एक छोटा सा आम का बागान तोहफे मे दे दिया। बीरबल
और उसकी पत्नि को वह तोहफा बहुत पसन्द आया। कुछ ही समय बाद जब ग्रीष्म कालीन मौसम
आया तो आम की ऋत भी आयी और उस छोटे से बागान मे खुब सारे मीठे मीठे आम की पैदावार
हुई।
बीरबल का घर परिवार स्वादिष्ट आम बडे ही चाव से खा रहा था।
जब बादशाह अकबर को यह मालूम चला कि बीरबल के पास इतने स्वादिष्ट आम है तो उनके मन
मे यह विचार आया कि बीरबल उनका इतना खास आदमी होते हुए भी उसने उन्हे एक भी आम नही
खिलाया।
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उधर बीरबल की भी मन की इच्छा थी कि वह बादशाह को आम तोहफे
मे दे। मगर उसने सोचा कि अकबर बादशाह इतनी बडी रियासत के मालिक है उनके महल मे तो
आम जैसे सैंकडो फल होंगे ऐसे मे वह इस नाचीज का मामूली भेंट क्यों स्वीकार करेंगे
और वह उन्हे कैसे यह मामूली उपहार देवे।
एक दिन पत्नि के ज्यादा कहने पर बीरबल आम की एक पेटी बादशाह
अकबर को भेंट स्वरूप देने के लिए ले गया। बादशाह बीरबल को देख कर समझ गये कि बीरबल
आम की पेटी उनके लिए लाया है। बीरबल ने देखा की बादशाह व उनकी बेगम भोजन के लिए
बैठे है। बीरबल ने जाकर बादशाह को आम की पेटी भेंट स्वरूप दी।
अकबर बादशाह को आम तो खाने थे मगर जानबूझ कर दिखावा करते
हुऐ बोलो- अरे, बीरबल तुम यह आम क्यों लाये हो
मुझे तो वैसे भी आम कम ही पसन्द है। चलो आ ही गये हो तो अब तुम्हे क्या मना करना
तुम तो हमारे खास आदमी हो ऐसा कहकर बीरबल को भी अपने पास बिठा लिया।
बेगम को बादशाह की सारी हरकतों के बारे मे पता था कि उन्हे
आम तो पसन्द है मगर जानबूझ कर भाव खा रहे है। आम की पेटी खोलकर आम उनके सामने रखे
गये। बादशाह ने एक आम खाया तो उन्हे वह आम बहुत ही स्वादिष्ट लगा ऐसे एक एक करके
बादशाह जब भी आम खाते तो गुठली और छिलकों को दोनो की नजरो से बचा कर बेगम की प्लेट
मे रख दिया करते। बेगम और बीरबल भी आम खा रहे थे।
बेगम ने बादशाह की यह हरकत देख ली थी मगर संकोचवंश कुछ कहा नही।
जब बादशाह ने पेट भर के आम खा लिए तो बीरबल से बोले- देखों
बीरबल हमने तो दो ही आम खाये है लेकिन
लगता है हमारी बेगम को तुम्हारे बागान के आम बहुत पसन्द आये तभी तो इन्होने
गुठली-छिलकों का ढेर लगा लिया। इस पर बेगम को बहुत शर्मिन्दगी महसूस हुई मगर वह
बादशाह के सामने कुछ बोल पाये इतनी उसकी हिम्मत कहाँ थी उसने बीरबल की ओर किसी
अच्छे जवाब की उम्मीद के साथ देखा।
बीरबल को बादशाह की इस हरकत के बारे मे पहले से ही पता था
ऐसे अवसर मे बीरबल कहाँ चुप रहने वाले थे वह तपाक् से बोला- आम तो हम सब ने खाये
बादशाह सलामत। मगर आप तो गुठली-छिलके भी खा गए। यह सुनकर बादशाह झेंप गये मगर बेगम
जोर से हंस पडी।
आज इस पोस्ट में
हमने Baccho ki manpasand kahani में अकबर और बीरबल की कहानी पढ़ी। आपको हमारी कहानी कैसी लगी ये हमें कमेन्ट में जरुर बताये। share और follow करना ना भूले ताकि लेखक की कलम को बढ़ावा मिल सके। ऐसी मजेदार कहानियाँ पढने के लिए motivationdad.com से जुड़े रहे।
कहानी को पूरा पढने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद !!!!
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